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by Eldon Sowell - Friday, October 14, 2022, 10:29 PM
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Essay on hindi on fruit seller, Fruits In Hindi

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Krishna Rewards The Fruit Seller – Stories for Kids [SHORT STORY]

Once Krishna was sitting beside his mother, watching her churn milk into butter. He was hopeful that once she finished, he would be given a generous share of butter to eat. His mother knew what Krishna was thinking and smiled. The truth was, she secretly enjoyed the tricks Krishna would play on her, just to get his hands on the butter.

Just then a fruit-seller called out, "Mangoes! Fresh mangoes!"

She was selling the freshest and the juiciest of mangoes. Nandraj, Krishna’s father, called out to the fruit-seller and she came to their doorstep. Krishna noticed that she was carrying two baskets of freshly-picked, delicious mangoes with her. As soon as she stepped into the house, the house was filled with the sweet aroma of ripe mangoes. Everyone was delighted to see such ripe, juicy mangoes, especially Krishna who was already hungry (because of all the butter being churned around him!).

Those were the days when people would barter goods instead of using money to pay. Goods were generally exchanged for buy an essay online grains and other farm products. Nandraj went into the house and brought out a basket full of grains.

He put the basket in front of the fruit-seller and asked her, "Will this basket of grain be sufficient payment for one basket of mangoes?"

The fruit-seller was delighted to receive a basketful of grains in exchange for a basket of mangoes. She responded, "Most people generally offer me half a basket for these many mangoes. You are very generous. I shall be happy to exchange one basket of mangoes for this much grain."

Krishna watched his father carefully as he carried out the barter. Though he was still very small, he understood that mangoes could be bought in exchange for grain. He wanted to buy some mangoes on his own.

So Krishna immediately ran inside and picked up as much grain as he could in his hands. With tightly closed fists, to ensure that not a single grain fell out of his hands, Krishna ran towards the fruit-seller. He offered the contents of his hands to the fruit-seller.

Now, this was the first time the fruit-seller took a careful look at Krishna. And she was instantly mesmerized by his dark eyes, innocent smile, and long dark locks adorned with a peacock feather. For a moment, she forgot everything around her, and was unable to take her gaze off Krishna.

Krishna called out in his innocent voice, "Could I have some mangoes too?"

Saying this, he emptied the contents of his fists into the fruit-seller’s hands. His little hands could only grab a few grains. Krishna suddenly realized that, with so few grains, he may not be able to buy any mangoes.

The fruit-seller noticed the disappointment on the little boy’s face. She gladly put the grains given by him in her sack and filled Krishna’s arms with juicy, golden mangoes.

The little boy’s joy saw no bounds. He was extremely delighted and so was everyone else around him.

Suddenly, the basket of grains that Nandraj had given to the fruit-seller turned into a basket full of gold and precious gems.

The fruit-seller could not believe her eyes!

She looked back at Krishna, who was still smiling at her. At that instant she knew that she was standing in the company of no ordinary mortal but God himself.

फलों की जानकारी पर निबंध Fruits In Hindi

फलों की जानकारी और निबंध इस पोस्ट Essay And Information About Fruits In Hindi में दिया गया है। प्रकृति हमें फल देती है। मनुष्य का जीवन प्रकृति पर निर्भर है। प्रकृति के द्वारा दी जाने वाली चीजों में फल महत्वपूर्ण होते है। पोष्टिकता से भरे हुए फल हर किसी को पसंद होते है। साल के हर मौसम में अलग अलग फल आते है। स्वाद में मीठे फलों पर निबंध लेखन का प्रयास किया गया है।

विद्यार्थियों को फलों पर निबंध (Essay On Fruits In Hindi) और जानकारी लिखने को अक्सर दिया जाता है। यहां पर सरल भाषा में निबंध लेखन किया गया है। तो आइए दोस्तों फल की जानकारी पर निबंध पढ़ते है।

फलों का महत्व पर निबंध Essay On Fruits In Hindi

दोस्तों, आपके मन में एक प्रश्न आता होगा कि फल क्या है? फल पौधे का एक परिपक्व अंडाशय होता है। पौधों में परागण के कारण फल और बीज बनते है। निशेषन की क्रिया फलस्वरूप फलों का विकास होता है। कुछ फलों का विकास सीधे पुष्प के अंडाशय से होता है जैसे कि आम। नाशपती और सेब जैसे फलों का विकास पुष्प के अन्य हिस्सों से होता है।

फल भोजन है जो हमें प्रकृति से मिलता है। फल पोषक तत्वों से भरे होते है। इनमें कई तरह के मिनरल्स, विटामिन्स, प्रोटीन, फाइबर, आयरन इत्यादि मिलते है। इसलिए फल खाने से स्वास्थ्य लाभ मिलता है। शरीर को ऊर्जा देने का काम फल करते है। एक तरह से कहे तो फल प्रकृति का दिया अनमोल तोहफा है।

फल पेड़ पर लगते है। प्रत्येक फल का पेड़ अलग होता है। उन पर फलों का विकास भी भिन्न होता है। पेड़ पर लगने वाले फूलों से ही फल बनते है। पौधे पर फल एकल या गुच्छों में लगते है। एकल फलों में आम, सेब इत्यादि फल आते है जबकि अंगूर, केला जैसे फल गुच्छों में लगते है।

दोस्तों, buying an essay online फलों की बनावट भी रोचक होती है। कुछ फल गोल होते है, कुछ मोटे, कुछ आकार में बहुत छोटे होते है। कुछ फल छिलके सहित खाये जाते है जैसे कि सेब, अंगूर, अमरूद इत्यादि। और कुछ फल छिलका उतार के खाये जाते है जैसे कि आम, पपीता, केला इत्यादि।

फल में पाये जाने वाले मुख्य पोषक तत्व

कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, आयरन, एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर इत्यादि।

मिनरल्स – कैल्शियम, पोटैशियम, मैंगनीज, फास्फोरस, जिंक इत्यादि मिनरल्स फलों में होते है।

विटामीन – विटामिन A, B कॉम्प्लेक्स, C, E, K, D सभी विटामिन फलों में मिलते है।

पोषक तत्व के अनुसार प्रत्येक फल खास गुण लिए होता है। जैसे कि सेब फल में फाइबर अधिक मात्रा में होते है। संतरा में विटामिन C अधिक मात्रा में होता है। केला में कार्बोहाइड्रेट ज्यादा होता है। इसलिए किसी एक फल को ना चुनकर सारे फलों को मौसम के मुताबिक खाना चाहिए।

फल के बाहरी परत की मोटाई भिन्न भिन्न होती है। जैसे कि अन्नानास का छिलका मोटा जबकि सेब का छिलका पतला होता है। फल का छिलका तीन भागों में बंटा होता है। इन्हें फल भित्ति कहते है। एपीकार्प (फल की सबसे बाहरी परत), मेसोकार्प (फल की गुदा) और एंडोकार्प (आंतरिक परत) नामक तीन भित्तियां होती है।

ठंडी और गर्मी के मौसम के अनुसार भी फल लगते है। फलों के कई प्रकार होते है। आम, सेब, अंगूर इत्यादि सभी फल लगने के लिए वातावरण की परिस्थिति भिन्न होती है। जलवायु, मिट्टी इत्यादि की भी फलों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

फल मौसम के मुताबिक खाना अच्छा माना जाता है। जैसे कि आम गर्मियों में खाना बेहतर है क्योंकि यह गर्मियों के लिए श्रेस्ठ है। सेब को सर्दियों में खाना स्वास्थ के लिए बेहतर है। बेमौसम फल खाने से परहेज खाना चाहिए। प्रत्येक फल की प्रकृति किसी खास मौसम के अनुकूल होती है।

फलों की जानकारी Information About Fruits In Hindi

दोस्तों, फल से पेड़ का बीज प्राप्त होता है। बीजों से नए पौधे विकसित होते है। कई फल पौधे के बीज ही होते है। सूखे मेवे जैसे कि बादाम, काजू इत्यादि पौधे के बीज ही होते है। कुछ फलों को बीज सहित खाया जाता है जैसे कि अनार, अंगूर, केला इत्यादि। आम, सेब जैसे फलों की केवल गुदा खाई जाती है। इन फलों से बीज अलग किये जाते है। फल विभिन रंगों में होते है। सेब लाल रंग का होता है। अंगूर हल्का हरा, केला पीला, अमरूद हरा, जामुन काला होता है।

भारत देश में आम, अंगूर, सेब, अनार, पपीता इत्यादि कई फलों के पेड़ पौधे पाये जाते है। इनमें से आम सबसे ज्यादा प्रसिद्ध फल है जो गर्मी के मौसम में आता है। गर्मी में आने वाले अन्य फलों में तरबूज, नारियल, लीची, केला, पपीता इत्यादि प्रमुख है। सर्दी के मौसम में मुख्य फल सेब है जो हर मर्ज की दवा कहलाता है। इसके अलावा अंगूर, संतरा, अमरूद, चीकू इत्यादि फल मुख्यत सर्दियों में आते है। वैसे आजकल कोल्ड स्टोरेज के कारण किसी भी प्रकार का फल हर मौसम में मिल जाता है।

फल खाने से पूर्व कुछ सावधानियां रखनी जरूरी है। फल ताजा होना चाहिए क्योंकि बासी फल खाने से शरीर को नुकसान हो सकता है। फल को हमेशा धोकर ही खाना चाहिए क्योंकि फल पर कीटाणु होते है।

स्वादिष्ट फलों का रस या ज्यूस भी बनाया जाता है। आम, अन्नानास, मौसमी, पपीता जैसे फलों का ज्यूस पीया जाता है। गर्मियों के मौसम में ज्यूस की दुकानों पर फलों का रस मिलता है।

फल खाने के फायदे Benefits Of Fruits

दोस्तों, फल खाने के कई फायदे है जिनमें से मुख्य फायदे निबंध में दिए गए है।

1. फ्रूट्स में कार्बोहाइड्रेट होता है जिससे शरीर को इंस्टेंट एनर्जी मिलती है। तरबूज, खरबूजा इत्यादि फल गर्मियों में आते है जिनमें भरपूर ऊर्जा होती है। कार्बोहाइड्रेट वाले फल खाने से थकान दूर होती है जिससे आराम मिलता है।

2. सेब का फल खाने से पाचन तंत्र अच्छा रहता है। इस फल में फाइबर अधिक होता है, यही कारण है कि सेब खाने से कब्जी दूर रहती है। अमरूद, नाशपाती, पपीता इत्यादि फल भी फाइबर के उच्च सोर्स है। इसलिए पाचन संबधी बीमारी होने पर इन फलों का सेवन करना चाहिए।

3. विटामिन सी से भरपूर फलों का सेवन करने से त्वचा के रोग दूर होते है। बालों और चेहरे की त्वचा की खूबसूरती के लिए विटामिन सी से युक्त फल खाने चाहिए। संतरा, मौसमी, आमला, इत्यादि फल विटामिन सी से भरपूर है।

4. दुबले पतले शरीर वालों को प्रोटीन वाले फल खाने चाहिए। केला प्रोटीन से युक्त होता है जिसे खाने से वजन बढ़ा सकते है। खजूर, आलूबुखारा, अमरूद, अवोकाडो इत्यादि फल प्रोटीन से भरे होते है।

फल खाने के फायदे

5. फल का सेवन करने से दिल संबंधित बिमारिया दूर रहती है। कोलेस्ट्रॉल कम करने में भी फल लाभकारी है। हाई ब्लड प्रेशर में भी फल खाना बेहतर है। परंतु हार्ट के मरीज और मधुमेह पीड़ितों को फलों का सेवन डॉक्टर की सलाह से करना चाहिए।

6. लगभग सभी फलों में एंटीऑक्सीडेंट होता है। एंटीऑक्सीडेंट से युक्त फलों का सेवन करने से त्वचा हमेशा जवान रहती है। चेहरे से झुर्रियों, काले धब्बों को खत्म करने के लिए इस प्रकार के फल खाने चाहिए। आम, सेब, अंगूर, अनार इत्यादि सभी फ्लोर में एंटीऑक्सीडेंट होते है।

7. अनार, चुकंदर, सेब, अंगूर इत्यादि फल खाने से रक्त की मात्रा बढ़ती है। खून की कमी होने पर आयरन से भरपूर फल खाने चाहिए। उपयुक्त फल खाने से आयरन की कमी दूर होती है।

8. फल रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाते है। शरीर की इम्युनिटी पॉवर बढ़ाने के लिए फल का सेवन करना बेहतर तरीका है। सेब, अनार, अंगूर, आम, पपीता, स्ट्राबेरी इत्यादि सभी फल इम्युनिटी बढ़ाते है।

फलों के बारे में जानकारी Fruits Information In Hindi

दुनिया का सबसे बड़ा फल कटहल (Jack Fruit) है। दुनिया में सबसे ज्यादा फलों का उत्पादन चीन में होता है। फल उत्पादन में भारत दूसरे नम्बर पर है। सेब फल का सबसे ज्यादा उत्पादन चीन में होता है। आम का फल भारत में सर्वोधिक पैदा होता है। नींबू, केला का फल भी भारत देश में अधिक होता है। थाईलैंड में अन्नानास ज्यादा होता है।

दोस्तों मनुष्य जीवन में फलों का विशेष महत्व है। ये शरीर में पोषक तत्वों की कमी दूर करते है। भोजन की पूर्ति करके शरीर को ऊर्जावान रखते है। तो दोस्तों फल खाना चाहिए।

अन्य उपयोगी निबंध –

Note – इस पोस्ट Information About Fruits In Hindi में फलों की जानकारी और फलों पर निबंध (Essay On Fruits In Hindi) आपको कैसा लगा। यह आर्टिकल "Essay And Importance Of Fruits In Hindi Information" अच्छा लगा हो तो इसे शेयर भी करे।

सब्जी वाला पर निबंध | Essay On Vegetable Seller In Hindi

Essay On Vegetable Seller In Hindi : नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है आज हम सब्जी वाला पर निबंध बता रहे है. दैनिक जीवन में दूध वाला, फेरीवाला, चाय वाला हमारे आम जीवन का हिस्सा हैं, आज के निबंध में हम सब्जी वाला का जीवन दिनचर्या, समस्याएं आदि पर भाषण, अनुच्छेद, लेख सरल भाषा में बता रहे हैं.

Essay On Vegetable Seller In Hindi

‌sabji wale par nibandh 300 शब्द

सब्जियां खाने से हमारे शरीर को पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन और दूसरे पौष्टिक तत्वो की प्राप्ति होती है और जिस व्यक्ति के द्वारा हम तक सब्जियां पहुंचाई जाती हैं उसे सब्जीवाला कहा जाता है। सब्जियों की पैदावार खेत में होती है। उसके पश्चात खेत से निकाल कर के सब्जियों को सब्जी वाले के द्वारा धोया जाता है और फिर सब्जियों को लारी पर या फिर ठेले पर सजा कर के गली मोहल्ले में बेचने के लिए सब्जी वाला ले करके आता है।

हमारे गली में जो सब्जी वाला आता है उसका नाम किशोर है जो कि काफी मिलनसार व्यक्ति है। किशोर हमारी गली में सुबह 8:00 से 9:00 और शाम को 4:00 से 5:00 के बीच सब्जी बेचने के लिए दैनिक तौर पर आता है। हमारी गली के सभी लोग किशोर से ही सब्जियों की खरीददारी करते हैं।

किशोर के द्वारा हर मौसम में खाई जाने वाली सब्जियों को बेचा जाता है। इसलिए जब वह अपना ठेला ले करके हमारी गली में आता है तो 1 घंटे के अंदर ही उसकी सारी सब्जियां बिक जाती है। इस प्रकार हमें भी ताजी और हरी सब्जियां प्राप्त हो जाती है, साथ ही किशोर को भी आजीविका की प्राप्ति हो जाती है।

किशोरी सब्जी वाले के द्वारा अपने साथ कई सब्जियां बेचने के लिए लाई जाती है जैसे कि लौकी, टमाटर, essay buy online आलू, प्याज, मिर्चा, बैगन, कोहड़ा, धनिया, टिंडे, भिंडी, मूली इत्यादि।

जब कभी किशोर सब्जी वाला हमारी गली में सब्जी बेचने के लिए नहीं आता है तो हमें घर से तकरीबन 1 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद सब्जी वाले से जाकर के सब्जी खरीदनी पड़ती है। इसलिए हम चाहते हैं कि किशोर सब्जी वाला रोज हमारी गली में सब्जी बेचने के लिए आए ताकि हमें घर बैठे ही ताजी और हरी सब्जी प्राप्त हो जाए।

400 शब्द निबंध

हमारे खाने में सब्जियों का महत्वपूर्ण स्थान हैं. सब्जियों से हमारे शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट एवं खनिज पदार्थ उपलब्ध हो जाते हैं. हम तक सब्जियां पहुचाने का कार्य करने वाले व्यक्ति को हम सब्जी वाला कहते हैं. खेत से सब्जियाँ सब्जी मंडी में बिकने आती हैं. वहा से शहर कस्बें में अलग अलग स्थानों पर सब्जी बेचने वाले सब्जियाँ खरीदते हैं.

ये सब्जी बेचने वाले एक स्थान पर बैठकर भी सब्जी बेचते है तो कुछ ठेले को लेकर गली गली घूमकर आवाज लगाते हुए हमारे घर तक सब्जी बेचते हैं. कुछ लोग अपने खेतों में सब्जी उगाकर स्वयं ही सीधे उपभोक्ताओं को सब्जी बेचते हैं. ये अधिकांशत: माली जाति के होते है, इनकी महिलाएं मालिन मुख्यतः सब्जी बेचने का कार्य करती हैं.

गाँव में तो सब्जी बेचने का कार्य मुख्यतः इन्ही के हाथों में हैं. ये लोग सुबह जल्दी उठकर खेत पर जाते हैं एवं उस दिन की पकी हुई सब्जियाँ तोड़कर बाजार में लाकर बेचते हैं. यह कार्य बहुत श्रम साध्य हैं. सब्जीवाला हमें रोजाना ताज़ी सब्जियाँ उपलब्ध करवाते हैं.

शहरों एवं बड़े कस्बों में सब्जी बेचने का कार्य कई अन्य लोग भी करते हैं. आजकल तो हर मौसम में हर तरह की सब्जियाँ मिल जाती हैं. सब्जी के थोक व्यापारी इन्हें कोल्ड स्टोरेज में सुरक्षित कर बाद में धीरे धीरे बाजार में बेचते रहते हैं. जो सब्जियाँ स्था नीय स्तर पर नहीं उगाई जाती है, वे भी यातायात के साधनों के विकास के फलस्वरूप आसानी से उपलब्ध हो जाती है, सब्जी वाला हमें सभी प्रकार की सब्जियाँ घर बैठे उपलब्ध करवा देता हैं.

बड़े मोहल्लों में सब्जी वाला अपने सिर पर ताज़ी शाक सब्जियों से भरी कटोरी लेकर घर घर जाता हैं. झुर्रियों से भरा उनका चेहरा, गर्दन की नसे फूली हुई और भरी दुपहरी की तपन में पसीने से लथपथ सब्जी सब्जी कहते हुए मध्य की गली से गुजरता हैं.

चलती राह में जब कोई गृहणी आती है तो वह अपनी वजनदार टोकरी को जमीन पर उतारकर गहरी सांस लेता हैं, उसकी टोकरी में दर्जन भर सब्जियां यथा गोभी, मूली, टमाटर, बैगन, भिंडी, आलू, मिर्च, कद्दू, करी पत्ते, पालक आदि होते हैं. ग्राहक को यदि उनकी सब्जियाँ पसंद आती है तो वह उसी सब्जी की टोकरी से हस्त तुला निकालकर उन्हें तोलकर देता हैं.

कई बार वह मोहल्लेवासियों के लिए परामर्शदाता की भूमिका भी निभाता है जैसे जिन्हें शुगर की समस्या है वे मूली, मेथी खाए आदि आदि. वह सवेरे ताज़ी सब्जियाँ तोडकर बेचने के लिए निकलता है, जैसे जैसे सब्जियाँ बिकती जाती है उसकी टोकरी का भार भी कम होता जाता हैं. जब दिन ढलने की ओर होता है तो उसकी टोकरी भी खाली हो जाती हैं, बदलें में अर्जित धन को अपनी जेब में रखकर घर की ओर चल पड़ता हैं.

उम्मीद करता हूँ दोस्तों Essay On Vegetable Seller In Hindi का यह निबंध आपकों पसंद आया होगा. यदि आपकों सब्जी वाला पर दिया गया निबंध, स्पीच आपकों पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे.

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